गोला(रामगढ़)।गोला प्रखंड क्षेत्र के कुम्हरदगा पंचायत अंतर्गत मौजा-यमुना के गैर मजरूवा सरकारी भूमि खाता सं० 03 प्लाट सं० 29 में इन दिनों अवैध निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने उक्त भूमि पर पहुंचकर कार्य को बंद कराया है।साथ ही इस संबंध में तिरला कल्याणपुर गांव के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को ही उपायुक्त रामगढ़ , अनुमंडल पदाधिकारी रामगढ़ एवं अन्य अधिकारीयों को लिखित आवेदन दिया है।
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| निर्माण कार्य को रोकते हुए ग्रामीण |
जिसमें कहा गया है कि खतियान में इसे गैर मजरूवा बांध खेत के नाम से दर्शाया गया है इस जमीन पर ग्रामीण आदिवासी अपने मवेशी चराते थे, और उन्हें पानी पिलाते थे इसी जमीन से सटकर कालीकरण रोड बना हुआ है,जो तिरला और कल्याणपुर जाने का मुख्य रास्ता है साथ ही मां छिन्नमस्तिका मंदिर रजरप्पा धाम के अलावे दर्जनों गांव के लोगों के लिए आवागमन का रास्ता है। यह रास्ता एनएच-23 से जुड़ा हुआ है इससे होकर बरसात का पानी कालीकरण रोड से दूसरी ओर कल भट्ट से होकर जाता है। इस पर गृह निर्माण होने से सरकारी भूमि का अतिक्रमण तो होगा ही साथ ही बरसात का पानी कालीकरण सड़क के ऊपर से होकर बहने लगेगा। साथ ही तिरला रोड इतना संकीर्ण हो जाएगा जिससे हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। उक्त गैर मजरूवा भूमि पर अतिक्रमण करते हुए फाउंडेशन खोद देने से पानी का बहाव रुक जाने के कारण सड़क पर बना गार्डवाल भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए तिरला कल्याणपुर एवं उस सड़क से आवाजाही करने वाले दर्जनों गांव के ग्रामीण कार्य का विरोध करते हुए वर्ष 2023 में अंचल अधिकारी गोला, थाना प्रभारी गोला, उपायुक्त रामगढ़ अपर समाहर्ता रामगढ़ को पूर्व में आवेदन दे चुके हैं उसके बाद उपायुक्त रामगढ़ के आदेशानुसार अंचल अधिकारी गोला के द्वारा उक्त गैमजरूआ भूमि पर जनहित में काम बंद करवा दिया गया था। लेकिन फिर से उक्त गैर मजरूआ भूमि पर अतिक्रमण करते हुए निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जिसके विरोध में दिनांक 14 सितंबर 2025 को अंचल अधिकारी गोला को ग्रामीणों के द्वारा आवेदन दिया गया है, परंतु अभी तक अंचल अधिकारी गोला के द्वारा उक्त आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उक्त भूमि पर अवैध कब्जा निर्माण कार्य किया जा रहा है। रेखा देवी पति निरंजन चंद्र पोद्दार, निवास ग्राम गोला,थाना गोला के द्वारा जबरदस्ती अतिक्रमण करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ग्रामीणों के द्वारा मना करने पर गाली गलोज एवं मारने पीटने झूठे मुकदमें फंसाने की धमकी दे रहे हैं। इससे ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल है। तथा किसी भी समय कोई भी अप्रिय घटना की आशंका बनी हुई है। आदिवासी एवं ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा की चिंता हो रही है जबकि उनका दोष सिर्फ इतना है कि वे सार्वजनिक हित के लिए सार्वजनिक सरकारी भूमि को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।उक्त मामले का निरीक्षण कर एवं कागजातों की जांच करते हुए अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई है।
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